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नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार शाम को जेकेएसएसबी के फैसले के खिलाफ युवाओं द्वारा निकाले गए ‘कैंडल मार्च’ में हिस्सा लिया. युवाओं ने यह विरोध मार्च जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) द्वारा पूर्व में काली सूची में डाली गई कंपनी को ऑनलाइन परीक्षा कराने की जिम्मेदारी देने के खिलाफ निकाला.
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जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों अब्दुल्ला और मुफ्ती ने शनिवार शाम को कच्ची छावनी इलाके में आयोजित विरोध प्रदर्शन में अलग-अलग हिस्सा लिया. गौरतलब है कि सरकारी नौकरी के आकांक्षी युवा गत तीन दिन से जेकेएसएसबी के फैसले का विरोध कर रहे हैं जिसने विभिन्न सरकारी विभागों में भर्ती के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा हेतु ऐपटेक की सेवा ली है. उक्त कंपनी को वर्ष 2019 में काली सूची में डाल दिया गया था.
‘कैंडल मार्च’ में सबसे पहले अब्दुल्ला शामिल हुए और उसके कुछ मिनट महबूबा भी वहां पहुंचीं. महबूबा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर उच्च बेरोजगारी दर का सामना कर रहा है. पहले तो युवाओं के लिए नौकरी नहीं है और जब भर्ती की प्रक्रिया शुरू होती है तो घोटाले सामने आने के बाद वह रद्द हो जाती है.” उन्होंने जम्मू में प्रदर्शनकारी युवाओं पर पुलिस द्वारा किए गए लाठचार्ज की भी निंदा की.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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