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कनाडा की सरकार ने ट्रैवल एडवाइजरी में अपने नागरिकों से कहा, “अप्रत्याशित सुरक्षा स्थिति के कारण केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की यात्रा से बचें. आतंकवाद, उग्रवाद, नागरिक अशांति और अपहरण का खतरा है.” कनाडाई सरकार ने अपनी ट्रैवल एडवाइजरी में भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की यात्रा को शामिल नहीं किया है.
भारत के बाद सबसे ज्यादा सिख कनाडा में
बता दें कि पूरी दुनिया में भारत के बाद सबसे ज्यादा सिख कनाडा में ही रहते हैं. कनाडा की कुल आबादी तकरीबन 3 करोड़ 82 लाख है. इनमें से 2.6% यानी 9 लाख 42 हजार 170 पंजाबी हैं. पंजाब के लोग न केवल कनाडा में नौकरी करते हैं, बल्कि वहां की सरकार में भी उनका अच्छा-खासा दबदबा है. बिजनेस, फार्मिंग सेक्टर में भी उनका रूतबा है.
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने क्या कहा था?
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने सांसदों से कहा- “कनाडा की धरती पर किसी नागरिक की हत्या करवाने में विदेशी सरकार का शामिल होना, हमारे देश की संप्रभुता का उल्लंघन है. हम इस हत्या की जांच में सहयोग देने के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाएंगे.”
जस्टिन ट्रूडो ने कहा- “कनाडा में रहने वाली भारतीय मूल के सिखों की बड़ी आबादी इस हत्या को लेकर गुस्से से भरी है. कई सिख अपनी सुरक्षा को लेकर डर में हैं. देश में 14-18 लाख के बीच भारतीय मूल के नागरिक हैं, जिनमें से कई सिख हैं. कनाडा की विपक्षी पार्टी न्यू डेमोक्रटिक पार्टी के लीडर जगमीत सिंह सिख समुदाय से हैं.”
भारत ने दिया दो टूक जवाब
भारत ने कनाडा की तरफ से लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा- “कनाडा के सभी आरोप बेतुके हैं. इसी तरह के आरोप कनाडाई प्रधानमंत्री ने हमारे पीएम मोदी के सामने भी रखे थे. उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था.”
ट्रूडो ने बयान पर दी सफाई
‘टोरंटो स्टार’ की रिपोर्ट के मुताबिक- मंगलवार रात कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने पहले के बयान को लेकर सफाई दी. उन्होंने कहा- “हम इस तनाव को बढ़ाना नहीं चाहते. हमने कुछ फैक्ट्स सामने रखे हैं. हम चाहते हैं कि इस मुद्दे पर भारत सरकार के साथ काम करें, ताकि हर चीज क्लीयर हो सके.”
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