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नई दिल्ली :
रेफ्रिजरेटर और स्मार्ट टीवी के बिल… ये उन सबूतों में शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपने दावे का समर्थन करने के लिए किया है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने 31 करोड़ रुपये से अधिक की 8.86 एकड़ जमीन अवैध रूप से हासिल की थी. ईडी ने रांची स्थित दो डीलरों से ये रसीदें हासिल कीं और उन्हें पिछले महीने 48 वर्षीय झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नेता और चार अन्य के खिलाफ दायर अपने आरोप पत्र में शामिल किया. रांची में न्यायाधीश राजीव रंजन की विशेष पीएमएलए अदालत ने 4 अप्रैल को अभियोजन की शिकायत पर संज्ञान लिया.
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सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद 31 जनवरी को कथित भूमि हड़पने से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था. वह फिलहाल रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी के अनुसार, दोनों गैजेट संतोष मुंडा के परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदे गए थे, जिन्होंने एजेंसी को बताया था कि वह 14 वर्षों के लिए उक्त भूमि (8.86 एकड़) पर हेमंत सोरेन की संपत्ति के देखभालकर्ता के रूप में रह रहे हैं.
ईडी ने सोरेन के इस दावे का खंडन करने के लिए मुंडा के बयान का इस्तेमाल किया कि उनका उक्त भूमि से कोई संबंध नहीं है. ईडी ने जमीन के टुकड़े पर राजकुमार पाहन नाम के व्यक्ति के दावे को भी खारिज कर दिया, आरोप है कि वह सोरेन के लिए संपत्ति को अपने नियंत्रण में रखने का “मुखौटा” था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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