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नई दिल्ली:
Petrol Diesel Prices Cut: केंद्र सरकार (Central Government) ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha election 2024) करीब आने के बीच आम लोगों को बड़ी राहत दी है. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के जरिये पेट्रोल और डीजल की कीमतों (Petrol and Diesel Prices Reduces) में कटौती की घोषणा की. उन्होंने बताया कि पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में संशोधन करने का फैसला किया गया है. इन पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें करीब दो साल से स्थिर बनी हुई थीं.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में दो-दो रुपये प्रति लीटर की कटौती
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उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने बृहस्पतिवार शाम को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दो-दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की. ये नई दरें आज यानी शुक्रवार सुबह छह बजे से लागू हो गई हैं. बता दें कि सरकार ने लगभग एक दशक पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों (Petrol Diesel latest Price) को अपने नियंत्रण से मुक्त कर दिया था. अब पेट्रोलियम कंपनियां ही तेल की कीमतें तय करती हैं.
महानगरों में पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol Diesel Prices)
इस कटौती के बाद राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत (Petrol Price Today in Delhi) अब 94.72 रुपये प्रति लीटर है, जो पहले 96.72 रुपये प्रति लीटर था. वहीं डीजल (Diesel Price In Delhi) 87.62 रुपये प्रति लीटर है.जो पहले 89.62 रुपये प्रति लीटर था. आज मुंबई में पेट्रोल 104.21 रुपये, कोलकाता में 103.94 रुपये और चेन्नई में 100.75 रुपये प्रति लीटर हो गया है. वहीं मुंबई में डीजल का भाव 92.15 रुपये, कोलकाता में 90.76 रुपये और चेन्नई में 92.34 रुपये प्रति लीटर हो गया है.
जानें – अपने शहर में पेट्रोल और डीज़ल की ताज़ा कीमत
पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में दो साल से कोई बदलाव नहीं
पिछले कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया है. दो साल पहले यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 140 डॉलर प्रति बैरल तक उछल गई थीं. हालांकि, बाद में तेल कीमतें नीचे आईं लेकिन पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में दो साल से कोई बदलाव नहीं किया गया था.
इसको लेकर पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी (Petrol Diesel Prices Slashed) से नागरिकों को अधिक खर्च-योग्य आय, पर्यटन और यात्रा उद्योगों को बढ़ावा, मुद्रास्फीति पर नियंत्रण और परिवहन पर निर्भर व्यवसायों के खर्च में कमी आएगी. इसके अलावा किसानों के लिए ट्रैक्टर संचालन और पंप सेट पर व्यय भी कम हो गया है.
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