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गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है, “पिछले 5 दिनों के दौरान लैंडस्लाइड की कुल 38 घटनाएं, बादल फटने की 6 घटनाएं सामने आईं. भारी बारिश, लैंडस्लाइड और बादल फटने के कारण अब तक कुल 622 घर/गाय शेड क्षतिग्रस्त हो गए हैं. 16 मवेशियों की भी जान चली गई है.”
हिमाचल में 7 राष्ट्रीय राजमार्ग प्रभावित
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, बादल फटने और लैंडस्लाइड के कारण 7 राष्ट्रीय राजमार्ग और 591 ग्रामीण संपर्क सड़कें या तो ब्लॉक हो गई हैं या टूट गई हैं.
सेना और वायु सेना दोनों बचाव कार्य में जुटी
अधिकारी ने कहा, “सेना और वायु सेना दोनों बचाव कार्य में जुटी हैं. कांगड़ा में पैदल सेना की दो टुकड़ियों को तैनात किया गया है. भारतीय वायु सेना (IAF) ने 78 उड़ानें भरी हैं. सेना ने हेलीकॉप्टरों के जरिए एक हजार से अधिक फंसे हुए लोगों को बचाया है.
उत्तराखंड के लिए रेड अलर्ट जारी
इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. लगातार बारिश के कारण देहरादून, गढ़वाल, चंपावत, उधम सिंह नगर, टिहरी गढ़वाल, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में पहले से ही बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है.
उत्तराखंड में दो राष्ट्रीय राजमार्ग ब्लॉक
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तराखंड में लैंडस्लाइड और बारिश के कारण दो राष्ट्रीय राजमार्ग, 13 राज्य राजमार्ग और 513 ग्रामीण सड़कें ब्लॉक होने की सूचना है. वहीं, चमोली जिले में फुट ब्रिज और एक मोटर ब्रिज बह गया. एक अधिकारी ने कहा, “राज्य अधिकारियों की मदद के लिए रेस्क्यू बोट के साथ एनडीआरएफ की नौ टीमों को तैनात किया गया है.”
गृह मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 1 अप्रैल से पूरे देश में लगातार बारिश के कारण सभी 335 जिले प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के कारण लगभग 892, बिजली गिरने के कारण 506, लैंडस्लाइड के कारण 186 और अन्य प्राकृतिक आपदा से जुड़े कारणों से 400 लोगों की मौत हो गई है. जिससे ऐसी घटनाओं में पूरे भारत में मृतकों की संख्या 2,000 से अधिक हो गई है.
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