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How to increase metabolism: मेटाबॉलिज्म (Metabolism) फूड के न्यूट्रिएंट्स को हमारे बॉडी के लिए फ्यूल में बदलने का काम करती है. यही से हमारी बॉडी को सांस लेने, चलने, खाना पचाने और ब्लड को सर्कुलेट (Blood Circulation) करने और सेल्स की मरम्मत जैसे कामों के लिए एनर्जी मिलती है. हालांकि मेटाबॉलिज्म (Metabolism) शब्द का उपयोग आराम के दौरान कैलोरी बर्न करने की क्षमता के लिए भी यूज किया जाता है. आपकी मेटाबॉलिज्म रेट (Rate of Metabolism) जितनी ज्यादा होगी आराम के दौरान आप उतनी ही ज्यादा कैलोरी बर्न (Burn Calories)करेंगे. मेटाबॉलिज्म पर उम्र, फिलिकल एक्टिविटी और हार्ट की स्थिति और ली जा रही दवाओं जैसी चीजों को असर पड़ता है. आइए जानते हैं हमारी कौन सी आदतें मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने (Ways to speed up metabolism) में मदद कर सकती हैं.
मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के आसान उपाय (Easy ways to increase metabolism)
डाइट में प्रोटीन बढ़ाएं (Eat plenty of protein at every meal)
खाना खाने के बाद कुछ समय के लिए मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ जाता है, इसे फूड का टीईएफ कहा जाता है. प्रोटीन टीईएफ को बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण होता है. अपनी हर मील में प्रोटीन को शामिल कर मेटाबॉलिज्म की रेट को आसानी से बढ़ाया जा सकता है.
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हाई इंटेंसिटी वर्कआउट (Do a high-intensity workout)
हाई इंटेंसिटी वर्कआउट में बहुत तेज गति की एक्टिविटी शामिल होती हैं. यह मेटाबॉलिज्म को तेज कर देता है. इससे मसल्स की सेल्स आराम के समय कैलोरी बर्न करने लगती है और फैट कम होने लगता है.
ज्यादा देर खड़े रहना (Stand up more)
बहुत अधिक समय तक बैठे रहने से हेल्थ पर नेगेटिव असर पड़ता है. काफी देर तक बैठने से कम कैलोरी बर्न होती है और वजन बढ़ सकता है. खड़े रहने से कई फायदे होते हैं. इससे वजन, बॉडी में फैट, कमर का घेरा और बीपी कम हो सकते हैं. खड़े रहने से मेटाबॉलिज्म की रेट तेज रहती है.
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ग्रीन टी पीना (Drink green tea)
ग्रीन टी बॉडी में जमा फैट को फैटी एसिड में बदल देते हैं. इससे एक्सरसाइज के दौरान ज्यादा फैट बर्न हो पाती है. ग्रीन टी कोलन के माइक्रोबायोम को प्रभावित करती है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है.
अच्छी नींद (Get a good night’s sleep)
नींद पूरी नहीं होने से वजन बढ़ने का खतरा रहता है. अधूरी नींद से ग्रेलिन (भूख का हार्मोन) और लेप्टिन (तृप्ति का हार्मोन) में गड़बड़ी आ जाती है. ठीक से नहीं सोने वालों को अक्सर भूख लगती रहती है जिसका असर वजन पर पड़ता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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