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समूह की कुछ लिस्टेड कंपनियों को नुकसान और छोटे खुदरा निवेशकों के उनसे दूरी बनाए रखने के बावजूद बड़े संस्थागत निवेशकों ने प्रस्ताव के अंतिम दिन काफी उत्साह दिखाया.
समूह के जनसंपर्क विभाग के प्रतिनिधि ने एक बयान में कहा, “अभूतपूर्व और चुनौतीपूर्ण समय के दौरान अडाणी FPO को कामयाब बनाने के लिए दिए गए समर्थन के लिए धन्यवाद…”
कॉरपोरेट संस्थानों, विदेशी फंडों और अन्य बड़े निवेशकों की बदौलत ढाई अरब अमेरिकी डॉलर के इस ऑफर को मंगलवार दोपहर तक 112 प्रतिशत सब्सक्राइब किया गया, लेकिन खुदरा निवेशकों ने अतिरिक्त छूट के बावजूद तय हिस्से के सिर्फ 12 प्रतिशत भाग के लिए बोली लगाई, जिससे शेयरधारक बेस का विस्तार करने और “औसत, सामान्य भारतीय माता-पिता को शेयरधारक” बनाने की अडाणी की योजना को झटका लगा.
अडाणी एंटरप्राइज़ेज़ के शेयर मंगलवार को 3.35 फीसदी चढ़कर बंद हुए, लेकिन फिर भी FPO के लिए निर्धारित 3,112-3,276 रुपये की सीमा से नीचे ही रह गए, जिसके चलते खुले बाज़ार से उन्हें खरीदा जाना सस्ता हो गया. अडाणी ट्रांसमिशन, अडाणी ग्रीन एनर्जी और अडाणी पोर्ट्स के शेयर क्रमश: 3.73, 3.06 और 2.67 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ बंद हुए. उधर, अडाणी टोटल गैस के लिए यह गिरावट का ही एक और दिन बना रहा, और सुबह ही 10 फीसदी की गिरावट के बाद ट्रेडिंग तक रोकनी पड़ी थी. यह प्राकृतिक गैस वितरण कंपनी, जिसमें फ्रांस की टोटल एनर्जीज़ (TotalEnergies) की 37.4 फीसदी हिस्सेदारी है, पिछले एक हफ्ते के दौरान बाज़ार मूल्य में 45 फीसदी की गिरावट झेल चुकी है. इसी तरह, अडाणी पॉवर और अडानी विल्मर में भी 5-5 फीसदी की गिरावट के बाद ट्रेडिंग को रोकना पड़ा.
समूह के 60-वर्षीय संस्थापक गौतम अडाणी पिछले हफ्ते तक दुनिया के तीसरे सबसे रईस शख्स थे, लेकिन अब फोर्ब्स की रियल-टाइम ग्लोबल रिच लिस्ट में वह 8वें स्थान पर आ गए हैं.
अडाणी ग्रुप के शेयरों में यह गिरावट पिछले सप्ताह अमेरिकी निवेश समूह हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा ‘दशकों से खुलेआम शेयरों में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी’ करने का आरोप लगाए जाने के बाद आई है. अडाणी ग्रुप ने कहा था कि यह रिपोर्ट ‘दुर्भावनापूर्ण शरारती’ हमला है, और समूह ने रविवार को 413 पन्नों का एक बयान भी जारी किया था, जिसमें हिंडनबर्ग के दावों का मज़बूती से खंडन किया गया.
अडानी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को ‘झूठ का पुलिंदा’ बताया और कहा, “यह केवल एक विशिष्ट कंपनी पर अवांछित हमला नहीं है, बल्कि भारत और भारतीय संस्थाओं की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता के साथ-साथ भारत की विकास गाथा एवं महत्वाकांक्षाओं पर सुनियोजित हमला है…”
इसके जवाब में हिंडनबर्ग ने कहा, “भारत का भविष्य अडाणी ग्रुप द्वारा ताक पर रखा जा रहा है, जिसने देश को व्यवस्थित रूप से लूटते हुए खुद को राष्ट्रीयता के आवरण में लपेट लिया है…”
हिंडनबर्ग ने यह भी कहा कि अडाणी समूह द्वारा दिए गए जवाब में केवल लगभग 30 पृष्ठ ऐसे थे, जिनमें उनकी रिपोर्ट में उठाए मुद्दों पर फोकस किया गया था.
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