Prime Minister Modi Flew In Tejas Aircraft, Also Participated In HAL Program – प्रधानमंत्री मोदी ने तेजस विमान में भरी उड़ान, HAL के कार्यक्रम में भी हुए शामिल

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खास बातें

  • पीएम मोदी ने कहा- तेजस में उड़ान भरते हुए अत्यंत गर्व…
  • का पहला संस्करण 2016 में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था
  • एलसीए एमके 2 के विकास के लिए 9000 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के एक कार्यक्रम में शिरकत की. इसके बाद उन्‍होंने बेंगलुरु में लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भी भरी. यह एक ऐतिहासिक मौका था. इस उड़ान के अनुभव को साझा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि तेजस पर सफलतापूर्वक उड़ान पूरी की, यह अनुभव अविश्वसनीय था… जिसने हमारे देश की स्वदेशी क्षमताओं में मेरे विश्वास को काफी हद तक बढ़ा दिया, और हमारी राष्ट्रीय क्षमता के बारे में मुझमें नए सिरे से गर्व और आशावाद की भावना पैदा की है.

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पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स पर लिखा कहा, “मैं आज तेजस में उड़ान भरते हुए अत्यंत गर्व के साथ कह सकता हूं कि हमारी मेहनत और लगन के कारण हम आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में विश्व में किसी से कम नहीं हैं. भारतीय वायुसेना, डीआरडीओ और HAL के साथ ही समस्त भारतवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं.”

बता दें कि तेजस एचएएल द्वारा विकसित एक सीट और एक जेट इंजन वाला, अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का लड़ाकू विमान है. पीएम मोदी रक्षा उत्पादों के स्वदेशी उत्पादन पर जोर देते रहे हैं. उन्होंने इस बात पर जो दिया है कि कैसे रक्षा उत्‍पादों को उनकी सरकार ने भारत में उनके विनिर्माण और उनके निर्यात को बढ़ावा दिया है.

प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को बेंगलुरु पहुंचे और रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) एचएएल का दौरा कर उसके विनिर्माण संयंत्र में चल रहे काम की समीक्षा की. मोदी सरकार ने हमारी रक्षा तैयारियों को बढ़ाने और स्वदेशीकरण के लिए बड़े कदम उठाए हैं, जिनमें तेजस विमान भी शामिल है. विमान का पहला संस्करण 2016 में भारतीय वायु सेना (IAF) में शामिल किया गया था. मौजूदा समय में भारतीय वायु सेना के दो स्क्वाड्रन, 45 स्क्वाड्रन और 18 स्क्वाड्रन, LCA तेजस के साथ पूरी तरह से परिचालन में हैं.

मोदी सरकार के तहत, 83 एलसीए एमके 1ए विमानों की डिलीवरी के लिए 36,468 करोड़ रुपये का ऑर्डर एचएएल को दिया गया है और डिलीवरी फरवरी 2024 तक शुरू होने वाली है.

इस वजह से खास है तेजस…

  • तेजस विमान का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार, 6000 से ज़्यादा उड़ान पर कोई हादसा नहीं.  
  • दुनिया का सबसे छोटा और हल्का विमान, वजन है मात्र 6500 किलोग्राम. 
  • स्पीड 2000 किलोमीटर प्रतिघंटा, मल्टीरोल एयरक्राफ्ट, बचाव भी और हमला भी कर सकता है.
  • तेजस में 9 हार्डपॉइंट बने है जिसमें मिसाइल, रॉकेट और बम लगा सकते हैं.  
  • तेजस की लंबाई 13.2 मीटर, चौड़ाई 8.2 मीटर और ऊंचाई 4.4 मीटर है. 
  • यह लड़ाकू विमान हर मौसम में फ्लाई कर सकता है और इसमें हवा में ईंधन भरा जा सकता है. 
  • वायुसेना में दो बेड़ा तैनात, चीन सीमा पर रफाल के साथ दमखम दिखा चुका है.
  • दुनिया के कई देश इसे खरीदना चाहते हैं. बहरीन, सिंगापुर और दुबई एयर शो में बजा चुका है अपना डंका.
  • इसलिए तेजस को वायुसेना का भविष्य भी कहा जाता है.   

एलसीए तेजस के उपडेट और अधिक घातक संस्करण एलसीए एमके 2 के विकास के लिए 9000 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी गई है. विमान के (इंजन सहित) स्वदेशीकरण को और बढ़ावा देने के लिए जून 2023 में प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत ने GE इंजन के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर कंपनी के साथ बातचीत की थी.

 
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