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नई दिल्ली:
संसद के विशेष सत्र का कामकाज मंगलवार गणेश चतुर्थी के मौके पर नए भवन में शिफ्ट में हो जाएगा. नए संसद भवन में मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 1:15 बजे और राज्यसभा की कार्यवाही 2:15 बजे शुरू होगी. मंगलवार को पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में एक समारोह होगा. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, पीएम मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समारोह का नेतृत्व करेंगे.
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आइए जानते हैं नए संसद भवन में 19 सिंतबर के कामकाज का पूरा शेड्यूल:-
-मंगलवार सुबह 9.30 बजे सारे सांसदों का पुराने भवन में फोटो सेशन होगा.
-सुबह 11 बजे सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम रखा गया है.
– सेंट्रल हॉल के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे संबोधित करेंगे.
– इस कार्यक्रम में तीन विशेष सांसद सदस्य अपनी बात रखेंगे.
-इसके बाद दोपहर 1.15 बजे नए संसद भवन के लोकसभा में कामकाज शुरू हो जाएगा. जबकि राज्यसभा में कामकाज दोपहर 2:15 बजे से होगा.
नए संसद भवन की क्यों पड़ी जरूरत?
पुरानी संसद भवन लगभग 100 साल पुरानी है. ऐसे में पिछले कुछ सालों में संसदीय गतिविधियां, उसमें काम करने वाले लोगों और विजिटर्स की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है. इसमें स्पेस की कमी हो गई है. इसके अलावा सीवर लाइनों, एयर कंडीशनिंग, फायर ब्रिगेड, सीसीटीवी, ऑडियो वीडियो सिस्टम जैसी चीजों का खासा ध्यान नहीं रखा गया था. साथ ही इसमें आज के समय के मुताबिक जरूरी टेक्नोलॉजी की भी कमी है. लिहाजा नए संसद भवन की जरूरत महसूस की गई.
नई इमारत का डिजाइन
नए संसद भवन का डिजाइन ट्राइंगुलर शेप में बनाया गया है. यह देश के 135 करोड़ भारतीयों की महत्वकांक्षाओं को रिफ्लेक्ट करता है. इसे 65 हजार स्क्वायर मीटर में बनाया गया है. नई इमारत में 888 सीटों तक की क्षमता वाला लोकसभा हॉल बनाया गया है. साथ ही इसमें 384 सदस्यों के बैठने के लिए राज्यसभा हॉल बनाया गया है. संसद के संयुक्त सत्र के दौरान लोकसभा में 1,272 लोग बैठ सकते हैं.
किस थीम पर बनाया गया है संसद भवन?
लोकसभा हॉल को मोर की थीम पर डिजाइन किया गया है, जबकि राज्यसभा हॉल को कमल थीम पर बनाया गया है, जो भारत के राष्ट्रीय फूल का प्रतीक है. इसके अलावा संसद में एक अत्याधुनिक कॉन्स्टिटूशनल हॉल का भी निर्माण किया गया है. इसमें सिंबोलिक और फिजिकली तौर पर भारतीय नागरिकों की लोकतांत्रिक प्रोसेस में स्थिति को दर्शाया गया है.
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