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एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट में आय में मामूली वृद्धि का अनुमान लगाया गया है और इसमें 2023 से 2047 तक बढ़ने वाली महंगाई (मुद्रास्फीति) का हिसाब नहीं दिया गया है. 14.9 लाख रुपये की राशि का 24 साल बाद उतना मूल्य नहीं होगा जितना आज है.
एक गणना से पता चलता है कि महंगाई को ध्यान में रखा जाए तो प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि केवल दो गुना होगी. वार्षिक मुद्रास्फीति की 5% की दर मानते हुए, जो कि पिछले 10 वर्षों की मुद्रास्फीति दर का औसत है, आज के 14.9 लाख रुपये का 2047 में वास्तविक मूल्य करीब 4 लाख होगी.
भारत की प्रति व्यक्ति आय मौजूदा निम्न मध्यम आय वाले देशों में सबसे कम है, यहां तक कि बांग्लादेश जैसे देशों से भी कम है.
एसबीआई की रिपोर्ट में भारत के कार्यबल और करदाताओं में वृद्धि को लेकर भी कई अनुमान जताए गए हैं. इसमें कहा गया है कि टैक्स देने वाले भारतीयों की संख्या लगभग सात गुना बढ़ जाएगी. यह संख्या वित्तीय वर्ष 2023 के 7 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2047 में 48.2 करोड़ हो जाएगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि, “मध्यम आय अर्थव्यवस्था समूह टैक्स फाइलर आधार के रूप में आगे बढ़ रहा है. चल रहे सुधारों, विश्वास-निर्माण उपायों के साथ-साथ सक्रिय अर्थव्यवस्था के साथ मिलकर वित्त वर्ष 2047 में 482 मिलियन आईटी फाइलर्स को नेट पर लाने का वादा किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है, ”लगभग 70 मिलियन एमएसएमई ने अपने समूह को उपयुक्त रूप से व्यापक आधार देने का वादा किया है.”
इसमें कहा गया है कि 2012 से 23 के दौरान 13.6% आयकर दाखिल करने वाले सबसे कम आय के स्तर को छोड़ चुके हैं और 25% के 2047 तक छोड़ने की संभावना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि, आयकर दाखिल करने वालों में लगभग 17.5% के 5 लाख से 10 रुपये आय समूह तक बढ़ने की उम्मीद है. पांच प्रतिशत के 10 लाख से 20 लाख रुपये के आय समूह में पहुंचने और 3% के 20 लाख से 50 लाख रुपये के आय समूह में पहुंचने की उम्मीद है.
एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि, कुल प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 14.9 लाख रुपये हो जाएगी. आयकर दाखिल करने वालों की वार्षिक भारित औसत आय (कुछ व्यक्तिगत मूल्यों को अलग-अलग भार देकर गणना की गई) 4 गुना से भी कम बढ़ेगी, वित्त वर्ष 2023 में 13 लाख रुपये से 2047 में 49.7 लाख तक.
आयकर रिटर्न के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल कर योग्य कार्यबल में आयकर दाखिल करने वालों का प्रतिशत 3.8 गुना बढ़ने का अनुमान है. वर्ष 2023 में कर योग्य आय वाले कुल कार्यबल में से केवल 22.4% ने आयकर रिटर्न दाखिल किया. साल 2047 में इसके 85.3% तक जाने का अनुमान है.
रिपोर्ट के अनुसार कर योग्य आय वाले लोगों की संख्या भी 2047 तक 80% बढ़ने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2023 में 31.3 करोड़ लोगों (कुल कार्यबल का 59%) की कर योग्य आय है और यह संख्या (2047 में अनुमानित कार्यबल का 78%) बढ़ने का अनुमान है.
आयकर भरने वाले लोगों की संख्या न केवल आय और कर अनुपालन में बढ़ोतरी के कारण, बल्कि देश के कार्यबल में वृद्धि के कारण भी बढ़ने का अनुमान है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के कार्यबल में 37% की वृद्धि का अनुमान है. वित्तीय वर्ष 23 में भारत के कार्यबल में 53 करोड़ लोग (जनसंख्या का 38%) हैं, और यह बढ़कर 72.5 करोड़ (2047 में जनसंख्या का 45%) होने का अनुमान है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केवल 5 राज्यों, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल द्वारा दाखिल किए गए कुल आयकर रिटर्न का 48% हिस्सा है. वर्ष 2023 में 68.5 मिलियन लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया, जिसमें से 64% आबादी अभी भी 5 लाख रुपये तक के आय वर्ग में है.
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