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इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी (आईएनएसए) प्रमुख और ‘जी-20 साइंस-20 इन्सेप्शन मीटिंग’ के अध्यक्ष डॉ.आशुतोष शर्मा ने रेखांकित किया कि पिछले कुछ दशकों में हुई वैज्ञानिक प्रगति की वजह से वैश्विक स्तर पर तेजी से गरीबी को कम करने में मदद मिली है. डॉ.शर्मा ने सोमवार को दो दिवसीय एस-20 बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही. निजी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस बैठक में जी-20 देशों के प्रतिनिधि अपने वैज्ञानिकों के साथ हिस्सा ले रहे हैं.
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यह मंथन पूरे देश में भारत की जी-20 की अध्यक्षता के तहत विभिन्न थीम पर होने वाली बैठकों की श्रृखंला का हिस्सा है. डॉ.शर्मा ने उद्घाटन सत्र में कहा, ‘‘ भारत को पूरी दुनिया की इस बैठक की मेजबानी करते हुए गर्व महसूस हो रहा है. वैज्ञानिक मूल्य और प्रौद्योगिकी वैश्विक विकास के लिए आवश्यक घटक हैं.”]
उन्होंने कहा, ‘‘हमें स्वीकार करना चाहिए कि विज्ञान ने न केवल हमारे आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाई बल्कि सकारात्मक रूप से समाजिक बदलाव भी किए जिनमें गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य और शिक्षा सेवा तक पहुंच शामिल है. वैज्ञानिक प्रगति की वजह से हम पूरी दुनिया में गत कुछ दशकों में तेजी से व नाटकीय तरीके से गरीबी दर में कमी आती देख रहे हैं.”
वैज्ञानिक ने जोर देकर कहा कि जी-20 की विकास, अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के जरिये स्थायित्व में अहम भूमिका है. डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आह्वान किया है कि विज्ञान व प्रौद्योगिकी राष्ट्रों के बीच सीमा की बाधा को दूर कर सकते हैं, दुनिया को एकजुट कर सकते हैं और शांति को मजबूत कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह विज्ञान के लिए आशावादी संदेश है, यह दुनिया के लिए उम्मीद का संदेश है,.”
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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