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Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee Came In Support Of Amritpal, Said Action Unnecessary – अमृतपाल के समर्थन में आई शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, कार्रवाई को बताया गैरजरूरी

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खास बातें

  • अमृतपाल भिंडरावाले रोडे गांव से है
  • उसे पिछले साल ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख नियुक्त किया गया था
  • अमृतपाल और उसके समर्थकों ने एक थाने पर धावा बोला था

नई दिल्ली:

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के समर्थन में उतर आई है. एसजीपीसी ने अमृतपाल और दूसरों पर की गई कार्रवाई को ग़ैरज़रूरी बताया है. एसजीपीसी ने कहा है कि वो अमृतपाल के परिवार को डिब्रूगढ़ ले जाने के लिए कोर्ट से इजाज़त मांगेगी. इतना ही नहीं एसजीपीसी के सदस्यों ने अमृतपाल के परिवार से भी मुलाक़ात की.

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दूसरी ओर अमृतपाल सिंह के परिवार के सदस्यों ने कहा कि एक महीने से अधिक समय के बाद उसे देखकर उन्हें राहत मिली है और वे अपनी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. अमृतपाल के चाचा सुखचैन सिंह ने अमृतसर में कहा, ‘‘हमें मीडिया के जरिए सुबह सवा सात बजे पता चला कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. उसे देखकर परिवार चिंता मुक्त महसूस कर रहा है.” एक सवाल के जवाब में अमृतपाल के चाचा ने कहा कि परिवार असम के डिब्रूगढ़ जाएगा और उससे मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे.”

बता दें कि अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा जिले के रोडे से रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया था. वे एक महीने से अधिक समय से फरार था. पंजाब से अमृतपाल (29) को लेकर एक विशेष विमान असम के डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे पहुंचा था, जहां से उसे केंद्रीय कारागार ले जाया गया.

अमृतपाल जरनैल सिंह भिंडरावाले रोडे गांव से था और इसे पिछले साल इस गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख नियुक्त किया गया था.

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खालिस्तान समर्थक अमृतपाल और उसके समर्थकों ने हथियारों के साथ पिछले महीने एक थाने पर धावा बोला था, जिसे देश के सुरक्षा तंत्र द्वारा एक चुनौती के रूप में देखा गया था. इससे पंजाब में एक बार फिर आतंकवाद का खतरा मंडराने लगा जो राज्य में 1980 के दशक में और 1990 के दशक के शुरुआती वर्षों में देखने को मिला था. (भाषा इनपुट के साथ)

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