News

Death Sentence Of 8 Indians Reduced In Qatar, Court Changes Death Sentence – कतर में 8 भारतीयों की मौत की सजा घटी, कोर्ट ने फांसी की सजा को बदला

[ad_1]

खास बातें

  • कतर में जेल में बंद नेवी के 8 पूर्व कर्मियों को बड़ी राहत
  • विदेश मंत्रालय की तरफ से लगातार जारी थे प्रयास
  • विदेश मंत्री ने कर्मियों के परिवार वालों से की थी मुलाकात

नई दिल्ली:

कतर (Qatar)  में कथित जासूसी के आरोप में फांसी की सजा पाए नेवी के 8 पूर्व कर्मियों (Former Indian Navy Personnel) को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने फांसी की सजा को रोक दिया है. मौत की सजा के खिलाफ भारत की तरफ से अपील दाखिल की गयी थी. कतर की अदालत ने 26 अक्टूबर को नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई थी. मौत की सज़ा को कारवास में बदलने के बाद इस बात की उम्मीद भी बढ़ गई है कि 2015 के समझौते के मुताबिक़ 8 भारतीयों को भारत में सज़ा पूरा करने का विकल्प भी मिल जाए. 

यह भी पढ़ें

कौन हैं वो 8 भारतीय?

कतर में जिन 8 पूर्व नौसेना अफसरों को मौत की सजा सुनाई गयी थी उनके नाम हैं- कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश.

ये सभी कतर में दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी नाम की निजी कंपनी में काम करते थे. यह कंपनी डिफेंस सर्विस प्रोवाइड करती है. ओमान एयरफोर्स के रिटायर्ड स्क्वॉड्रन लीडर खमिस अल अजमी इसके प्रमुख हैं. उन्हें भी 8 भारतीय नागरिकों के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन नवंबर में उन्हें छोड़ दिया गया था. 

30 अगस्त 2022 को किया गया था गिरफ्तार

कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को 30 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया था. हालांकि, भारतीय दूतावास को सितंबर के मध्य में पहली बार इनकी गिरफ्तारी के बारे में बताया गया था. 30 सितंबर को इन भारतीयों को अपने परिवार के सदस्यों के साथ थोड़ी देर के लिए टेलीफोन पर बात करने की अनुमति दी गई थी. पहली बार कॉन्सुलर एक्सेस 3 अक्टूबर को गिरफ्तारी के एक महीने बाद दी गयी थी. दूसरा कॉन्सुलर एक्सेस दिसंबर में दिया गया था. 

कई बार खारिज हुई जमानत याचिकाएं

आठ लोगों की जमानत याचिकाएं कई बार खारिज की जा चुकी हैं. भारत सरकार ने कतर की अदालत के फैसले पर हैरानी जाहिर की थी. सरकार ने कहा था कि उन्हें छुड़ाने के लिए कानूनी रास्ते खोजे जा रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि हम जजमेंट की डिटेलिंग का इंतजार कर रहे हैं. 

विदेश मंत्री ने कर्मियों के परिवार वालों से की थी मुलाकात

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इन लोगों के परिवारों से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा था कि वह उनका दर्द और चिंता समझ सकते हैं. जयशंकर ने कहा था कि सरकार आठों लोगों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी कोशिशें कर रही हैं. 

विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा था कि कतर में हिरासत में लिए गए 8 भारतीयों के परिवारों से मुलाकात की है. इस बात पर जोर दिया कि सरकार मामले को सर्वोच्च महत्व देती है. उन परिवारों की चिंताओं और दर्द को हम पूरी तरह से समझते हैं.”

ये भी पढ़ें-:

[ad_2]
Source link

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *