Basavaraj Bommais Takeaway From BJPs Defeat In Karnataka – कर्नाटक में हार पर बोम्मई ने मानी चूक, कहा-अधिक संगठित और पहले से तैयार थी कांग्रेस
[ad_1]
नई दिल्ली:
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, जिन्होंने विधानसभा चुनावों में भाजपा के अभियान का नेतृत्व किया, ने NDTV को बताया कि कांग्रेस ने अपना प्रचार अभियान जल्दी शुरू कर दिया और राज्य में भाजपा का संदेश गड़बड़ा गया. विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 224 विधानसभा सीटों में से 66 पर जीत हासिल की हैं. वहीं, कांग्रेस ने 135 और एचडी कुमारस्वामी की जनता दल सेक्युलर ने 19 सीटें जीतीं.
यह भी पढ़ें
यह पूछे जाने पर कि नतीजों से क्या सीख मिली, बोम्मई ने कांग्रेस की जीत के तीन कारण बताए. उन्होंने कहा, “लोग ‘मुफ्त उपहारों के बहकावे में’ आ गए. फिर, व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है कि कांग्रेस अधिक संगठित थी. कांग्रेस ने अपनी तैयारी काफी पहले से शुरू कर दी थी, जैसा आमतौर पर भाजपा करती थी…हमने अपने फैसले थोड़ी देर से लिए, देर से काम किया.” उन्होंने कहा, “अंत में, हालांकि भाजपा सरकार ने बहुत सारे कार्यक्रम आयोजित किए, लेकिन “सही संदेश” लोगों तक नहीं गया… (सरकार के) बड़े फैसले लोगों तक नहीं पहुंचे.”
यह इंगित करते हुए कि भाजपा का वोट शेयर नहीं बदला, बोम्मई ने कहा कि दक्षिणी कर्नाटक में पार्टी की पैठ, जो जद (एस) का गढ़ है, ने भी कांग्रेस की मदद की है. उन्होंने कहा, “जद (एस) के पांच फीसदी वोट कांग्रेस की ओर चले गए.” भाजपा ने 2018 से अपना 36 प्रतिशत वोट शेयर बनाए रखा है, लेकिन कांग्रेस का वोट शेयर 38.1 प्रतिशत से बढ़कर 42.9 प्रतिशत हो गया. जद (एस) के वोट 18.3 से घटकर 13.3 फीसदी रह गए.
बोम्मई ने कहा कि भाजपा खेमे में स्थिति में सुधार होने में कुछ महीने लगेंगे. उन्होंने कहा, “मैं कर्नाटक में भाजपा की हार की जिम्मेदारी लेता हूं. एक नेता को जिम्मेदारी लेनी चाहिए. तभी चीजें आगे बढ़ सकती हैं…बड़ी बात यह है कि हमें पार्टी को लोकसभा चुनाव के लिए काफी पहले तैयार करना होगा. हमें नया खून लाना होगा और सभी स्तरों पर नई सोच को आगे बढ़ाना होगा. हमें अपने कार्यकर्ताओं का कायाकल्प करना होगा. तीन से छह महीने के भीतर, चीजें बदल जाएंगी और हमारे पक्ष में होंगी.”
कर्नाटक लोकसभा सीटों की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण राज्य है. यहां लोकसभा की 28 सीटें हैं. विपक्ष के नेता के पद के बारे में पूछे जाने पर, बोम्मई, जो सदन में भाजपा के सबसे वरिष्ठ विधायकों में से एक होंगे, उन्होंने कहा कि वह पार्टी के अभियान को आगे बढ़ाएंगे चाहे उनके पास पद हो या न हो.
ये भी पढ़ें :-
Source link