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Big Update For Class 10th, 12th Students Now You Will Not Have To Give Board Exam Twice Know The Whole Thing – कक्षा 10वीं, 12वीं स्टूडेंट्स के लिए बड़ी अपडेट, अब नहीं देने पड़ेंगे दो बार बोर्ड परीक्षा, जानें पूरी बात

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नई दिल्ली:

Board Exam 2024 Latest Update: अगस्त में शिक्षा मंत्रालय ने न्यू करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के तहत साल में दो बार बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन का ऐलान किया था. यह फ्रेमवर्क एग्जामिनेशन सिस्टम में बदलाव करने, बोर्ड एग्जाम को हौवा न बनाने के साथ-साथ स्टूडेंट के पास प्रतिशत को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है. वहीं सीबीएसई बोर्ड, यूपी-बोर्ड, राजस्थान बोर्ड, एमपी बोर्ड समेत तमाम बोर्ड के स्टूडेंट में इस बात को लेकर कंफ्यूज है कि क्या बोर्ड परीक्षा में पास होने के बाद भी उन्हें बोर्ड द्वारा आयोजित दूसरी बोर्ड परीक्षा में भाग लेना होगा. अब स्टूडेंट के कंफ्यूजन पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि छात्रों के लिए साल में दो बार कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं होगा. यह ऑप्शन मात्र स्टूडेंट के तनाव को कम करने के लिए किया गया है. 

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धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि छात्रों के पास इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई की तरह साल में दो बार कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठन का विकल्प होगा. वे बेस्ट स्कोर चुन सकते हैं. लेकिन यह पूरी तरह से वैकल्पिक होगा, कोई बाध्यता नहीं होगी. क्योंकि स्टूडेंट यह सोचकर तनाव ले लेते हैं कि उनका एक साल बर्बाद हो गया, उनका मौका चला गया, वे बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे. इसलिए केवल एक मौके के डर से होने वाले तनाव को कम करने के लिए स्टूडेंट को साल में दो बार बोर्ड परीक्षाओं का ऑप्शन दिया जा रहा है. 

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केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, “अगर किसी छात्र को लगता है कि वह पूरी तरह से तैयार है और परीक्षा के पहले सेट के स्कोर से संतुष्ट है, तो वह अगली परीक्षा में शामिल न होने का विकल्प चुन सकता है. कुछ भी अनिवार्य नहीं होगा”

न्यू करिकुलम फ्रेमवर्क 

अगस्त में शिक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित न्यू करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के मुताबिक बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों के पास अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर हो और उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाए रखने का विकल्प मिले.

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डमी स्कूल का मुद्दा 

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि ‘डमी स्कूलों’ के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. समय आ गया है कि इस पर गंभीर चर्चा की जाए. ऐसे छात्रों की संख्या कुल छात्रों की संख्या की तुलना में बहुत अधिक नहीं है. केंद्र यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है कि छात्रों को कोचिंग की आवश्यकता न पड़े. नीट और जेईई की तैयारी करने वाले स्टूडेंट अपने होम टाउन के स्कूलों में एडमिशन लेते हैं लेकिन तैयारी करने के लिए कोटा चले जाते हैं. वे फुल टाइम स्कूल नहीं जाते और सीधे बोर्ड परीक्षा में शामिल होते हैं. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ‘डमी स्कूलों’ के मुद्दे को कई विशेषज्ञों ने उठाया है, जिनका मानना है कि स्कूल नहीं जाने से छात्रों के व्यक्तिगत विकास में बाधा आती है और वे अक्सर अलग-थलग और तनावग्रस्त महसूस करते हैं.

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