Discussion On Data Protection Bill In Lok Sabha On Monday, Editors Guild Expressed Concern Over Some Provisions – डेटा संरक्षण विधेयक पर लोकसभा में सोमवार को चर्चा, कुछ प्रावधानों पर एडिटर्स गिल्ड ने जताई चिंता
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लोकसभा में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) विधेयक, 2023 पर सोमवार को विचार और पारित करने के लिए चर्चा होनी है. इससे पहले 3 अगस्त को केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2023 पेश किया था.
इसमें व्यक्तियों के डिजिटल डेटा की सुरक्षा करने में विफल रहने या दुरुपयोग करने वाले संस्थानों पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है.
यह विधेयक उच्चतम न्यायालय द्वारा निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार बताने के छह साल बाद आया है. गिल्ड ने कहा कि डीपीडीपी विधेयक की धारा 36 के तहत सरकार किसी भी सार्वजनिक या निजी संस्थान से पत्रकारों और उनके स्रोत सहित नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी प्रस्तुत करने के लिए कह सकती है.
गिल्ड ने खंड 17(2)(ए) पर भी चिंता व्यक्त की, जो केंद्र सरकार को इस विधेयक के प्रावधानों से किसी भी ‘‘राज्य के साधन” को छूट देने वाली अधिसूचना जारी करने की अनुमति देता है, जिससे आंतरिक साझाकरण और डेटा का प्रसंस्करण सहित डेटा संरक्षण प्रतिबंधों के दायरे से बाहर हो जाता है.
गिल्ड ने कहा कि धारा 17(4) सरकार और उसकी संस्थाओं को व्यक्तिगत डेटा को असीमित समय तक बनाए रखने की अनुमति देती है.
गिल्ड ने कहा, ‘‘हम निराशा के साथ यह कहना चाहते हैं कि विधेयक, जाहिर तौर पर डेटा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए है, लेकिन यह ऐसा प्रावधान करने में विफल रहा है जो निगरानी के स्तर पर सुधार लाए, जिसकी तत्काल आवश्यकता है. वास्तव में यह पत्रकारों और उनके सूत्रों सहित नागरिकों की निगरानी के लिए एक सक्षम ढांचा तैयार करता है.”
गिल्ड ने कहा कि वह कानून के कुछ दायित्वों से पत्रकारों को छूट नहीं दिए जाने को लेकर काफी चिंतित है, जहां सार्वजनिक हित में कुछ संस्थाओं के बारे में रिपोर्टिंग उनके व्यक्तिगत डेटा संरक्षण के अधिकार के साथ टकराव हो सकती है.
गिल्ड ने कहा कि न्यायमूर्ति श्रीकृष्ण समिति ने व्यक्तिगत डेटा संरक्षण और सार्वजनिक हित के बीच संतुलन के लिए एक ‘फ्रेमवर्क’ प्रदान किया था, जो मौजूदा विधेयक से गायब है. गिल्ड ने कहा, ‘‘इससे देश में पत्रकारिता गतिविधि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.”
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