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CM Mamata Wrote A Letter To PM Modi Regarding Sudden Deactivation Of Aadhaar Card In Bengal – CM ममता ने बंगाल में आधार कार्ड ‘अचानक निष्क्रिय’ किए जाने को लेकर PM मोदी को पत्र लिखा

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उन्होंने कहा कि इस तरह आधार कार्ड ‘‘निष्क्रिय” करने की कवायद नियमों के खिलाफ है और प्राकृतिक न्याय का घोर उल्लंघन है.

इस बीच, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सोमवार को कहा कि आधार डेटाबेस को अद्यतन रखने के लिए आधारकार्ड धारकों को समय-समय पर सूचना जारी की जाती है, लेकिन किसी भी नंबर को रद्द नहीं किया गया है.

यूआईडीएआई ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि आधार डेटाबेस की सटीकता बनाए रखने के लिए प्राधिकरण ने दस्तावेजों और आधार जानकारी को अद्यतन करने की कवायद शुरू की है.

इसने कहा कि यदि किसी आधार कार्डधारक को कोई शिकायत है तो वे यूआईडीएआई से संपर्क कर सकते हैं.

वहीं, बनर्जी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं पश्चिम बंगाल में लोगों, विशेषकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी समुदायों के आधार कार्ड को अंधाधुंध तरीके से निष्क्रिय करने की गंभीर प्रकृति की अचानक हुई घटना को आपके ध्यान में लाना चाहती हूं.”

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘मैं बिना कारण बताए आधार कार्ड को अचानक निष्क्रिय किये जाने का कारण जानना चाहती हूं. क्या यह लाभार्थियों को लाभ से वंचित करना है या लोकसभा चुनाव से पहले लोगों के बीच घबराहट की स्थिति पैदा करना है?”

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि नयी दिल्ली में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण का मुख्यालय बिना किसी क्षेत्रीय जांच या राज्य को विश्वास में लिये संबंधित व्यक्तियों और परिवार के सदस्यों को सीधे ‘‘निष्क्रियता पत्र” जारी कर रहा है.

उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘वर्तमान घटनाक्रम ने राज्य के निवासियों के बीच घबराहट और हंगामे की स्थिति पैदा कर दी है, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग अपनी शिकायतों के निवारण के लिए जिला प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं.”

इससे पहले दिन में, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव से पहले राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक लोगों के आधार कार्ड निष्क्रिय किए जा रहे हैं.

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लाने से पहले ही (इन लोगों के) आधार कार्ड निष्क्रिय किये जा रहे हैं.

बनर्जी ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव से पहले इतने सारे आधार कार्ड क्यों निष्क्रिय कर दिए गए? ज्यादातर मतुआ समुदाय के लोगों के आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिए गए हैं. अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों के आधार कार्ड भी निष्क्रिय किये जा रहे हैं.”

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि मतुआ और एससी/एसटी समुदाय भाजपा के ‘खेल’ को समझेंगे. मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहती हूं कि मैं बंगाल में एनआरसी और निरुद्ध केंद्र (डिटेंशन कैंप) की अनुमति नहीं दूंगी.”

बनर्जी ने यह सुनिश्चित करने के लिए ‘‘अलग पहचान पत्र” की भी बात की कि लोग राज्य में सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ उठा सकें.

उन्होंने कहा, ‘‘अगर आधार कार्ड नहीं है तो चिंता न करें… अगर जरूरत पड़ी तो हम एक अलग कार्ड जारी करेंगे ताकि कोई भी हमारी कल्याणकारी योजनाओं से वंचित न रहे.”

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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