Cyclone Biparjoy Landfall Gujarat Jakhau Coast NDRF Army Navy Air Force Indian Coast Guard – गुजरात में Cyclone Biparjoy का असर : तूफान बिपरजॉय के कारण 22 लोग घायल, 23 मवेशियों की मौत
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चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात तट से टकरा गया है. तट पर तेज हवा चल रही है. भारत सरकार की तरफ से तूफान से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. भारतीय सेना, एनडीआरएफ सहित सभी एजेंसियों को तैनात किया गया है. केंद्र सरकार के मंत्री स्वयं हालात की निगरानी कर रहे हैं. गुजरात के कई हिस्सों में तेज बारिश हो रही है साथ ही तेज हवा के कारण कुछ जगहों पर पेड़ उखड़ गए हैं. बिजली के खंभे भी कुछ हिस्सों में गिर गए हैं.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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चक्रवाती तूफान Biparjoy गुजरात तट से टकरा गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, यह सौराष्ट्र कच्छ और जखाऊ बंदरगाह के पास मांडवी और कराची के बीच पाकिस्तानी तटों को पार करेगा. मौसम विभाग की तरफ से दावा किया गया है कि लैंडफॉल की प्रक्रिया 4 घंटे तक चलेगी.
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बिपरजॉय के कारण गुजरात के तटीय इलाकों में 125 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली. बाद में हवा की रफ्तार कम होकर 108 किमी प्रति घंटा हो गई. इस दौरान भुज में 5 इंच तक बारिश हो चुकी है. वहीं, द्वारका और भुज में बिजली की सप्लाई बंद कर दी गई है.
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गुजरात के रिलीफ कमिश्नर आलोक पांडेय ने बताया कि गांधीनगर में तूफान बिपारजॉय के कारण 22 लोग घायल हो गए हैं. अभी तक किसी की मौत की खबर नहीं है. तूफान में 23 मवेशियों की मौत हो गई है. 524 पेड़ गिर गए हैं और कहीं-कहीं बिजली के खंभे भी गिरे हैं. 940 गांवों में बिजली नहीं है.
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गुजरात के जखाऊ पोर्ट और पाकिस्तान के करांची से होकर इस तूफान का ‘आई ऑफ साइक्लोन’ गुजरेगा. इस कारण इन क्षेत्रों में भारी नुकसान की संभावना है. उस समय हवा की रफ्तार 140 किलोमीटर तक हो सकती है. आई ऑफ साइक्लोन गुजरात तट से लैंडफॉल की शुरुआत होने के लगभग 4 घंटे बाद गुजरेगा.
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तूफान के तट से टकराने के बाद के हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल से बात की है और राहत और बचाव कार्य की जानकारी ली है.
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गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने चक्रवात से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए गांधीनगर स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में आज एक बैठक की अध्यक्षता की. सरकार ने कहा है कि अब तक कच्छ, जामनगर, मोरबी, राजकोट, देवभूमि द्वारका, जूनागढ़, पोरबंदर और गिर सोमनाथ के आठ तटीय जिलों में लगभग एक लाख लोगों को अस्थायी आश्रयों में ले जाया गया है.
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राहत और बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) के अलावा सेना, वायुसेना, नौसेना और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों को तैनात किया गया है. सेना ने भुज, जामनगर, गांधीधाम के साथ-साथ नलिया, द्वारका और मांडवी में अग्रिम स्थानों पर 27 राहत टुकड़ियां तैनात की हैं.
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वायुसेना ने वड़ोदरा, अहमदाबाद और दिल्ली में एक-एक हेलीकॉप्टर को तैयार रखा है. नौसेना ने बचाव और राहत के लिए ओखा, पोरबंदर और बकासुर में 10-15 टीमों को तैनात किया है, जिनमें से प्रत्येक में पांच गोताखोर और अच्छे तैराक शामिल हैं.
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रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि सेना, नौसेना, वायु सेना और भारतीय तटरक्षक सहित सभी सशस्त्र बलों ने गुजरात के स्थानीय लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक तैयारी की है.
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रविवार को पूर्वी राजस्थान, उससे लगे हरियाणा, एमपी व यूपी के कुछ हिस्सों में बारिश देने के बाद यह सिस्टम बिल्कुल कमजोर हो जाएगा. इसके असर से रविवार तक मॉनसून फिलहाल वहीं अटका रहेगा, जहां तक 11-12 जून को पहुंच चुका था.
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