GST E-Challan GSTN Defers By 3 Months Implementation Of E-invoice Reporting Time Limit For Companies With Turnover Of More Than Rs 100 Crore


E-invoicing: जीएसटी कानून के अनुसार, आईआरपी पर चालान अपलोड नहीं करने पर कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ नहीं उठा सकती हैं.
नयी दिल्ली:
GST e-Challan: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क(Goods and Services Tax Network) यानी जीएसटीएन (GSTN) ने 100 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों या व्यवसायों के लिए अपने पुराने ई-चालान (e-Challan) को अपलोड करने की समयसीमा के क्रियान्वयन को तीन महीने के लिए टाल दिया है.
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पिछले महीने जीएसटीएन ने कहा था कि इन कंपनियों को अपने ई-चालान को सात दिन के अंदर इनवॉइस रजिस्ट्रेशन पोर्टल (Invoice Registration Portal) यानी आईआरपी (IRP) पर डालना होगा. पहले यह व्यवस्था एक मई से लागू होने जा रही थी, लेकिन अब इसे तीन महीने के लिए टाल दिया गया है.
मौजूदा व्यवस्था के तहत कंपनियां इस तरह के चालान को वर्तमान तिथि पर डालती है. इसमें आईआरपी पर चालान अपलोड करने के लिए व्यवसायों पर कोई प्रतिबंध नहीं था. जीएसटी कानून के अनुसार, यदि आईआरपी पर चालान अपलोड नहीं किए गए, तो कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ नहीं उठा सकती हैं.
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि चालान की तारीख से सात दिन के भीतर ई-चालान जारी करने की इस नयी आवश्यकता से यहां तक कि बड़े व्यवसाय भी हैरान थे.
आपको बता दें कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के नियमों के तहत 1 अक्टूबर, 2020 से 500 करोड़ रुपये से ऊपर के टर्नओवर वाली कंपनियों द्वारा बिजनेस-टू-बिजनेस ट्रांजैक्शंस के लिए ई-इनवॉइसिंग अनिवार्य कर दी गई है.
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