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Lok Sabha Election 2024 Your Best Friend Congress Cornered BJP For Calling Its Manifesto Muslim League – अपने सबसे अच्छे दोस्त… : कांग्रेस ने घोषणापत्र को मुस्लिम लीग वाला बताने पर BJP को घेरा

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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में शनिवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में ‘मुस्लिम लीग की झलक दिखती है’.

पीएम ने कहा, “कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र के रूप में झूठ का पुलिंदा जारी किया. हर पन्ने पर भारत को तोड़ने की कोशिशों की बू आती है. ये आजादी से पहले के मुस्लिम लीग के विचारों को दर्शाता है.”

प्रधानमंत्री ने आज सुबह छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक रैली में उस दावे को दोहराया. इसके बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, “कांग्रेस को बार-बार खारिज किया गया है, लेकिन वे तुष्टिकरण की राजनीति पर जोर दे रहे हैं. मैंने घोषणा पत्र देखा और आश्चर्यचकित रह गया. क्या ये उनका घोषणा पत्र है या मुस्लिम लीग का…”

इसके कुछ घंटों बाद कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ और केरल के तिरुवनंतपुरम से भाजपा के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के खिलाफ चुनावी हलफनामे में ‘गलत जानकारी’ देने के लिए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई.

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, “हमने कई मुद्दे उठाए हैं. जिसमें प्रधानमंत्री ने हमारे घोषणा पत्र को ‘मुस्लिम लीग की नकल’ और राजीव चंद्रशेखर के चुनावी हलफनामे के बारे में बताया.” पवन खेड़ा और कांग्रेस के अन्य शीर्ष नेताओं ने आज दोपहर चुनाव पैनल से मुलाकात की.

वहीं ‘मुस्लिम लीग की छाप’ के आरोप पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तीखी प्रतिक्रिया दी और झूठ फैलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा.

भाजपा (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर हमला करते हुए खरगे ने कहा, ”हर कोई जानता है कि कैसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1940 के दशक में मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन में बंगाल, सिंध और एनडब्ल्यूएफपी (उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत) में अपनी सरकारें बनाईं.”

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Photo Credit: NDTV Reporter

खरगे ने एक्स पर पोस्ट किया, “मोदी-शाह के राजनीतिक और वैचारिक पूर्वजों ने स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों के खिलाफ ब्रिटिश और मुस्लिम लीग का समर्थन किया था. मोदी-शाह के वैचारिक पूर्वजों ने 1942 में गांधी के भारत छोड़ो आह्वान का विरोध किया था, जिसकी अध्यक्षता मौलाना आज़ाद ने की थी. मोदी जी के भाषणों में आरएसएस की गंध है. बीजेपी का चुनावी ग्राफ दिन-ब-दिन गिर रहा है. इसलिए आरएसएस को अपना सर्वश्रेष्ठ मित्र मुस्लिम लीग याद आने लगा है.”

इससे पहले भी पीएम के शुरुआती तंज के बाद कांग्रेस ने कहा था कि वो ‘अपना इतिहास नहीं जानते.’

कांग्रेस ने बताया कि जनसंघ के संस्थापक और भाजपा विचारक श्यामा प्रसाद मुखर्जी खुद 1940 के दशक की शुरुआत में मुस्लिम लीग के साथ बंगाल में गठबंधन सरकार का हिस्सा थे.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “प्रधानमंत्री को अपना इतिहास नहीं पता है. वास्तव में, वो कोई और नहीं बल्कि हिंदू महासभा के अध्यक्ष मुखर्जी ही थे, जो खुद मुस्लिम लीग के साथ बंगाल में गठबंधन सरकार का हिस्सा थे. ये भाजपा है जो विभाजन की राजनीति में विश्वास करती है और उसका पालन करती है.”

शुक्रवार को जारी कांग्रेस के घोषणापत्र का वो हिस्सा, जिसने इस विवाद को जन्म दिया है, वो ‘उच्चतम न्यायालय की 50 प्रतिशत की सीमा से परे, दलितों और हाशिए पर रहने वाले समूहों के लिए आरक्षण बढ़ाने की गारंटी है.’

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बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, “मुस्लिम लीग ने 1929 में धर्म के आधार पर आरक्षण की बात की थी. कांग्रेस भी वही बात दोहरा रही है. जिस तरह से धर्म के आधार पर आरक्षण की बात हो रही है और 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण का वादा किया जा रहा है, इससे किसको फायदा होना है , कांग्रेस को ये स्पष्ट करना चाहिए.”

कांग्रेस के घोषणा पत्र में रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास के वादे

कांग्रेस का घोषणा पत्र रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास पर भी केंद्रित है. साथ ही प्रदर्शनकारी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने और गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिला प्रमुखों को सीधे नकद हस्तांतरण सहित कई अन्य वादे भी हैं.



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