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Menorrhagia (heavy Menstrual Bleeding) : Reasons Why Your Periods May Be Heavier Than Usual | Mahine Ke Un Dino Me Kyu Girta Hai Jyada Khoon

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सामान्य तौर पर पीरियड्स का समय तीन से पांच दिन तक का होता है. अगर हैवी ब्लीडिंग हो रही है और ब्लीडिंग पांच से सात दिन तक या फिर इससे ज्यादा हो रही है तो ये मेनोरेजिया की परेशानी हो सकती है. जिन महिलाओं को ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या होती है उन्हें मेनोरेजिया पीड़ित कहा जाता है,इसमें ज्यादा ब्लीडिंग के चलते शरीर में खून की कमी हो जाती है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर मेरे पीरियड पर बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो जाए तो मुझे क्या करना चाहिए? चलिए जानते हैं इस बारे में सबकुछ-  

मेनोरेजिया के लक्षण (menorrhagia symptoms)

मेनोरेजिया का सबसे बड़ा लक्षण यह है कि इसमें आपको दिन में कई बार पैड चेंज करने पड़ सकते हैं. कई महिलाओं को तो हर एक घंटे में पैड चेंज करना पड़ता है. अक्‍सर रात में उठकर भी पैड बदलने की नौबत देखी जाती है. एक साथ दो पैड लगाने के अलावा तेज दर्द, थकान, सांस लेने में दिक्कत, और ब्लीडिंग में खून के थक्के इसके लक्षणों में शामिल हैं.

क्यों होता है मेनोरेजिया, जानें इसके कारण (What causes menorrhagia?)

अक्‍सर देखा जाता है कि मेनोरेजिया एनीमिया के साथ ही साथ और भी बहुत सी दूसरी समस्‍याओं का कारण बन सकता है. यह शरीर में खून की कमी कर सकता है, जिससे शरीर के अंगों तक ऑक्‍सिजन पहुंचने में समस्‍या होती है और कई तरह की परेशान‍ियां हो सकती हैं. जानते हैं इसके कारण क्‍या हैं…

जानिए क्यों होती है हैवी ब्लीडिंग, क्या हो सकता है परिणाम | Why Is My Period So Heavy? | Menorrhagia (heavy menstrual bleeding)

1. गर्भाशय में फाइब्रॉएड होना (uterine fibroids): पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होने की एक वजह गर्भाशय में फाइब्रॉएड की मात्रा ज्यादा होना भी हो सकती है. जब शरीर में हार्मोन असंतुलन होता है तो फाइब्रॉएड्स की परत बहुत मोटी हो जाती है, ऐसे में पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होने लगती है.

2. विटामिन ई की कमी होना (loss of vitamin E): कई बार शरीर में विटामिन ई की कमी के चलते भी हैवी ब्लीडिंग की दिक्कत होती है. दरअसल विटामिन ई शरीर में ब्लीडिंग को कंट्रोल करने का काम करता है, अगर शरीर में इसकी कमी होती है तो पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग की दिक्कत झेलनी पड़ सकती है. इसलिए जिनको ये समस्या होती है, उन्हें पीरियड से पहले विटामिन ई के कैप्सूल लेने की सलाह दी जाती है.

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3. हार्मोन का असंतुलन भी है वजह (Hormonal Disturbances): कई बार शरीर में प्रजनन के लिए जिम्मेदार हार्मोन के असंतुलन के चलते भी पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग होती है. इस दौरान प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन की मात्रा में ज्यादा असंतुलन होने पर गर्भाशय की अंदरूनी परत बढ़ जाती है जिसके चलते ज्यादा ब्लीडिंग होती है.

4. ओवेरियन डिस्फंक्शन  (Ovarian Dysfunction): शरीर में अंडाशय से जुड़ी कोई समस्या या कंडीशन के चलते भी हैवी ब्लीडिंग होती है. जैसे जब अंडाशय से अंडा नहीं बाहर आता है तो शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बनने के बावजूद रिलीज नहीं होता नहीं होता है और इससे हैवी ब्लीडिंग होने लगती है.

न करें नजरअंदाज

कई बार जिस हैवी ब्लीडिंग को हम सामान्य जानकर नजरअंदाज कर देते हैं वो कैंसर की वजह हो सकती है. हैवी ब्लीडिंग की एक वजह गर्भाशय कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, अंडाशय कैंसर भी हो सकता है. इस प्रकार के कैंसर शरीर में प्रजनन तंत्र को प्रभावित करते हैं जिससे हैवी ब्लीडिंग हो सकती है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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