News

Monsoon Will Be Normal This Year, Forecasts Meteorological Department – भारत में इस साल सामान्य रहेगा मॉनसून : मौसम विभाग

भारत में इस साल सामान्य रहेगा मॉनसून : मौसम विभाग

नई दिल्‍ली:

मौसम विभाग ने कहा है कि इस साल मॉनसून सामान्य रहेगा. इस साल 96 प्रतिशत (+/-5% ) मॉनसून रहेगा.इस साल देशभर में 83.7 मिलीमीटर बारिश होगी. जुलाई के आसपास एल-नीनो कंडीशन रह सकती है. मॉनसून के साथ एल-नीनो का सीधा संबंध नहीं रहेगा. प्रशांत महासगार में पेरू के पास सतह का गर्म होना अल नीनो कहलाता है. अल नीनो की वजह से समंदर के तापमान, वायुमंडल में बदलाव होता है. बदलाव की वजह से समंदर का तापमान 4-5 डिग्री तक बढ़ जाता है. अल नीनो की वजह से पूरी दुनिया के मौसम पर असर पड़ता है.

यह भी पढ़ें

साल 2023 के लिए मानसून पूर्वानुमान पर एनडीटीवी से मौसम विज्ञान केंद्र के महानिदेशक डॉ. एम महापात्रा ने कहा कि हमने अलग-अलग रीजन में बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है. जैसे राजस्‍थान, पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश और पश्चिमी मध्‍य प्रदेश में सामान्‍य से कम बारिश होने की संभावना है.  

वहीं, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के कुछ हिस्सों के साथ-साथ जम्मू कश्मीर और लद्दाख में सामान्‍य से अधिक बारिश होने की संभावना है. ओड़िशा, छत्तीसगढ़ मैं सामान्‍य से ज्‍यादा बारिश हो सकती है. कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल, दक्षिण तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में सामान्‍य से अधिक बारिश हो सकती है. बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में सामान्‍य से ज्‍यादा बारिश हो सकती है, जबकि कुछ हिस्सों में सामान्‍य से कम बारिश भी हो सकती है.

क्लाइमेट चेंज का इंपैक्ट हो रहा है और क्लाइमेट चेंज का इंपैक्ट होगा. भारी वर्षा की आवृत्ति में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन यह हर साल नहीं दिखता है. हमने सामान्‍य बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है, लेकिन आपको एक सामान्‍य मानसून में बाढ़ और सूखा भी मिल सकता है. 

दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान भारत में सामान्य वर्षा होगी. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव एम. रविचंद्रन के मुताबिक, प्रायद्वीपीय क्षेत्र, इससे सटे पूर्वी, पूर्वोत्तरी क्षेत्रों के कई हिस्सों में तथा उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य बारिश हो सकती है. जितने साल भी अल निनो सक्रिय रहा है, वे मानसून के लिहाज़ से बुरे वर्ष नहीं थे. अल निनो की स्थितियां मानसून के दौरान विकसित हो सकती हैं और मानसून के दूसरे चरण में इसका असर महसूस हो सकता है.

आईएमडी के मुताबिक, सकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुव स्थितियां दक्षिण पश्चिम मानसून ऋतु के दौरान विकसित हो सकती हैं. अल निनो की स्थितियां मानसून के दौरान विकसित हो सकती हैं और मानसून के दूसरे चरण में इसका असर महसूस हो सकता है. मौसम वैज्ञानिकों ने इस साल अल नीनो की स्थिति उत्‍पन्‍न होने की आशंका जताई है. भारत जैसे कृषि प्रधान देश पर इसका बेहद बुरा प्रभाव देखने को मिल सकता है. अल नीनो के कारण भारत में रिकॉर्ड स्‍तर पर गर्मी की ताप झेलनी पड़ सकती है. सूखे की मार झेलनी पड़ सकती है. 


Source link

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

पिछले साल रिलीज़ हुयी कुछ बेहतरीन फिल्मे जिनको जरूर देखना चाहिए | Best Movies 2022 Bollywood इस राज्य में क्यों नहीं रिलीज़ हुयी AVTAR 2 QATAR VS ECUADOR : FIFA WORLD CUP 2022 Fifa world cup 2022 Qatar | Teams, Matches , Schedule This halloween hollywood scare you with thses movies