Not Only Intel Failure, It Was Operational Failure Too On Part Of Israel, Former Military Intel Head Tells NDTV – सिर्फ़ खुफिया विभाग नहीं, ऑपरेशनली भी नाकाम रहा इज़रायल… : NDTV से EXCLUSIVE इंटरव्यू में बोले पूर्व सैन्य खुफिया प्रमुख
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नई दिल्ली:
पिछले शनिवार इज़रायल पर हुए हमास के हमले में बड़ी तादाद में हुई मौतों के लिए इज़रायल की तरफ से खुफिया नाकामी के साथ-साथ ऑपरेशनल नाकामी भी ज़िम्मेदार है. यह बात NDTV से एक विशेष इंटरव्यू में इज़रायल के पूर्व सैन्य खुफिया विभाग प्रमुख ने कही.
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मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एमॉस याडलिन ने कहा हमास द्वारा अचानक ज़मीन-हवा-समुद्र से किया गया हमला बिल्कुल वैसा ही “भौंचक्का कर देने वाला हमला था, जैसे 9/11 (अमेरिका पर 11 सितंबर, 2001 को हुआ हमला) या पर्ल हार्बर” थे. उन्होंने यह भी कहा कि हमास भी ISIS जैसा ही आतंकवादी संगठन है, लेकिन वह अत्याचार के संदर्भ में ज़्यादा क्रूर है. एमॉस याडलिन ने कहा, “वे महिलाओं और बच्चों को बेहद बेरहमी से मार रहे हैं, जिसे इज़रायल बर्दाश्त नहीं करेगा…”
खुफिया विभाग की इस बड़ी नाकामी के लिए बेंजामिन नेतन्याहू सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) ने कहा, “आप लीडरशिप पर सवाल उठाए जाने को नहीं रोक सकते, क्योंकि ज़िम्मेदारी प्रधानमंत्री की ही है… उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा की उपेक्षा की, उन्होंने रक्षा मंत्रियों विश्लेषकों और मेरी चेतावनियों को नजरअंदाज़ किया…”
इज़रायल के ख़िलाफ़ लड़ाई में हमास का साथ देने वालों के बारे में सवाल किए जाने पर एमॉस याडलिन ने ईरान, सीरिया और हिज़बुल्लाह की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा, “हमास पूरी तरह, यानी 100 फ़ीसदी ईरान के इशारे पर काम नहीं करता, लेकिन उसे ढेरों ईरानी धन और हथियार मिल रहे हैं… हमास का बर्ताव ISIS जैसा ही है, लेकिन वे ISIS से ज़्यादा निर्मम और क्रूर हैं…”
उन्होंने कहा, हमास के अतीत में किए गए हमलों को रोकने में इज़रायल काफी कुशल रहा है. मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) ने कहा, “हमने एक दीवार बनाई थी, जो ज़मीन के नीचे 30-40 मीटर तक जाती थी… हमारे अर्ली वॉर्निन्ग सिस्टम की बदौलत हम लंबी और छोटी दूरी के रॉकेटों के खिलाफ बेहद असरदार हुआ करते थे… हमारे पास दुनिया का बेहतरीन एन्टी-रॉकेट सिस्टम है – आयरन डोम… जब हमास को समझ आ गया कि रॉकेट इज़रायल के ख़िलाफ़ काम नहीं करेंगे और सुरंगों का इस्तेमाल वे कर नहीं सकेंगे, तब उन्होंने नई रणनीति बनाई… यहीं इज़रायल नाकाम हुआ… हमास ने ऐसी तरकीबें अपनाईं, जिनमें इज़रायल पीछे छूट गया…”
सऊदी अरब के साथ रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में बढ़े कदम समेत समूचे इलाके में इज़रायल की राजनयिक कोशिशों पर यह युद्ध किस तरह असर डालेगा, यह पूछे जाने पर मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एमॉस याडलिन ने कहा, “हम शांतिप्रिय मुल्क हैं… मिस्र, जॉर्डन और UAE के साथ… लेकिन अगर कोई हमें दबाने की कोशिश करेगा, तो इज़रायल जानता है, हालात से कैसे जीतना है…”
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