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There Should Be No Compromise On Terrorism, Permanent Solution To The Concerns Of Palestinians Is Necessary ​​India – आतंकवाद पर नहीं हो कोई समझौता, फिलिस्तीनियों की चिंताओं का स्थायी समाधान जरूरी: भारत

आतंकवाद पर नहीं हो कोई समझौता, फिलिस्तीनियों की चिंताओं का स्थायी समाधान जरूरी: भारत

नई दिल्ली:

इजराइल-हमास संघर्ष पर विचार-विमर्श के लिए मंगलवार को आयोजित ब्रिक्स बैठक में, भारत ने कहा कि मौजूदा संकट एक आतंकवादी हमले के कारण शुरू हुआ और आतंकवाद के साथ किसी को भी कोई समझौता नहीं करना चाहिए. साथ ही भारत ने फलस्तीनियों की चिंताओं को दूर करने का आह्वान करते हुए ‘दो-राज्य’ के समाधान पर बल दिया.

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से इस डिजिटल बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि गाजा में संकट को देखते हुए भारत ने 70 टन मानवीय सहायता भेजी है और वह सहायता जारी रखेगा.

जयशंकर ने कहा, ‘गाजा में जारी इजराइल-हमास संघर्ष के कारण नागरिकों को भारी मानवीय पीड़ा हो रही है. हम तनाव कम करने की खातिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं. फिलहाल यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि मानवीय सहायता और राहत गाजा की आबादी तक प्रभावी और सुरक्षित रूप से पहुंचे.’

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा द्वारा आयोजित इस बैठक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, ब्राजील के राष्‍ट्रपति लूइज इनासियो लूला डि सिल्‍वा और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी सहित अन्य लोगों ने भाग लिया.

जयशंकर ने कहा, “यह भी जरूरी है कि सभी बंधकों को रिहा कर दिया जाए. हमारा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना सार्वभौमिक दायित्व है. हम सभी जानते हैं कि मौजूदा संकट सात अक्टूबर के आतंकवादी हमले से शुरू हुआ था. जहां तक आतंकवाद का सवाल है, हममें से किसी को भी इससे समझौता नहीं करना चाहिए. बंधक बनाना भी अस्वीकार्य है और इसे माफ नहीं किया जा सकता है.”

जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस संदर्भ में क्षेत्र और दुनिया भर के कई नेताओं से बातचीत की है. प्रधानमंत्री ने शांति के लिए अनुकूल स्थितियां बनाने और प्रत्यक्ष एवं सार्थक शांति वार्ता को फिर से शुरू करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है.

विदेश मंत्री ने कहा, ‘हमारा मानना है कि फलस्तीनी लोगों की चिंताओं को गंभीरता से और सतत तरीके से दूर किया जाना चाहिए. केवल दो-राज्य के समाधान के साथ इसका हल हो सकता है, जो शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व पर आधारित है.’

ब्रिक्स देशों के सदस्यों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.


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